पिछला भाग पढ़े:- तृप्ति भाभी की चुदाई-1
तृप्ति भाभी की चुदाई-2 desi hot story दोस्तों मैं अमित अपनी भाभी की चुदाई का अगला पार्ट लेके आया हूं। उम्मीद है आपने पिछला पार्ट पढ़ लिया होगा। अगर नहीं पढ़ा है तो उसको पहले पढ़ ले। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि हमारे घर के सामने एक बहुत ही सेक्सी भाभी, जिसका नाम तृप्ति था, रहती थी। एक दिन मैं और मेरा दोस्त उसके बारे में गंदी बातें कर रहे थे, और उसने सुन लिया। फिर वो मेरे घर आई तो मुझे लगा मेरी शिकायत करेगी। लेकिन उसने कुछ काम के लिए मुझे घर बुलाया था। अब आगे की कहानी-
मैं तृप्ति भाभी के घर जा रहा था। रास्ते में मेरे दिमाग में यहीं चल रहा था कि भाभी ने मेरी शिकायत क्यों नहीं की। मुझे लगा शायद उन्होंने हमारी बात सुनी ही ना हो। ये सब सोचते हुए मैं उनके घर पहुंच गया, और बेल बजाई। कुछ सेकंड्स में भाभी ने दरवाजा खोला। लाल रंग की लेगिंग्स-कुर्ती में भाभी को देख कर तो मेरे मुंह में पानी आने लगा। फिर मैंने भाभी से कहा-
मैं: भाभी वो मां ने मुझे आपके पास भेजा है आपका काम करवाने के।
भाभी: अच्छा, तो उन्होंने तुझे ही भेज दिया। आज अन्दर आजा। कुछ लोगे?
मैं: नहीं भाभी, अभी चाय पी के आया हूं।
भाभी: ठीक है।
भाभी: अंदर सोफा और कुर्सियां है, उनको सही जगह पर लगाना है। सामान भारी था, तो मुझ अकेली से हुआ नहीं।
मैं: चलो भाभी करते है।
फिर भाभी ने एक साइड से सोफा पकड़ा, और मैंने दूसरी साइड से। नीचे झुकने की वजह से उनकी क्लीवेज दिखने लगी, और बूब्स बाहर आने को उतावले हो गए। उनके मोटे बूब्स देख कर मेरे मुंह में पानी आने लगा। मेरी नज़र उनके बूब्स पर से हट ही नहीं रही थी। तभी भाभी ने मुझे देख लिया, और मैंने अपनी नज़र उनके बूब्स से हटा ली। desi hot story
फिर सोफा सेट करने के बाद भाभी बोली: तू क्या देख रहा था अभी?
मैं: क्या देख रहा था भाभी?
भाभी: तू यहां देख रहा था (भाभी ने बूब्स की तरफ इशारा करते हुए कहा)।
मैं: अरे नहीं भाभी, आपको गलतफहमी हुई है।
भाभी: अच्छा तो गार्डन में बैठा तू अपने दोस्त से मेरी बातें कर रहा था, वो भी मेरी गलतफहमी होगी?
ये सुन कर मैं घबरा गया। यानि कि भाभी ने सुन लिया था। अब मुझे कोई जवाब नहीं सूझ रहा था। फिर मैं हिम्मत करके बोला-
मैं: भाभी वो आप बहुत खूबसूरत हो। और लड़कों के पास बात करने का एक ही टॉपिक होता है, और वो है लड़कियां। उसने आपको देख कर बात शुरू की, और मैंने आगे बढ़ा दी।
भाभी: वैसे क्या बातें कर रहे थे तुम मेरे बारे में?
मैं: यहीं की आप बहुत हॉट हो। सुंदर दिखती हो।
भाभी: क्या पसंद है तुम्हें मुझमें (ये बात सुन कर मैं उनको देखने लगा, और उन्होंने मुझे वासना भरी मुस्कुराहट दी)।
मैं: भाभी ऊपर से लेके नीचे तक सब कुछ पसंद है। आपकी कोई ऐसी चीज नहीं जो अच्छी ना हो। भगवान ने आपको बहुत खूबसूरत बनाया है।
भाभी: तूने ये क्यों कहा कि मैं ऊपर की चीज़ हूं, और तुम्हारे हाथ नहीं आऊंगी?
मैं: भाभी ये तो सच ही है। कहां आप और कहां मैं।
भाभी: चल मुझे टच कर।
मैं: मतलब?
भाभी: टच कर ना!
फिर मैंने उनकी बाजू पर हाथ रखा और उठा लिया।
वो हस्ते हुए बोली: ऐसे थोड़ी टच करते है लड़की को।
ये बोल कर भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा, और अपने एक गोरे चूचे पर कपड़ों के ऊपर से रख दिया। फिर वो बोली-
भाभी: ऐसे करते है टच। चल दबा अब इसको।
मैं हैरान हुआ, कि भाभी क्या करने को कह रही थी। लेकिन फिर मैंने सोचा चाहे जैसे भी कह रही हो, कम से कम टच करने का मजा तो मिल रहा था। इसलिए मैंने उनका चूचा दबाना शुरू कर दिया। desi hot story
भाभी की सांस तेज होने लगी, और वो हल्की आवाज में आह आह करने लगी। मुझे लगा अब मुझे खुद ही आगे बढ़ जाना चाहिए, तो मैं उनके और करीब गया, और अपने होंठ भाभी के होंठो से चिपका दिए। मुझे लगा था कि वो ना-नुकुर करेंगी, लेकिन उन्होंने तो किस्स में मेरा साथ देना शुरू कर दिया। बहुत स्वाद रस था उनके होंठों का दोस्तों, मैं तो पागल ही हो गया, और खींच-खींच कर उनके होंठ चूसने लगा।
मैंने अपने हाथ उनकी कमर पर रख लिए किस्स करते हुए, और फिर उनकी पीठ पर फेरने लगा। उसके बाद मैं हाथ उनकी मोटी कोमल गांड पर ले गया, और उसको दबाने लगा। इससे भाभी और उत्तेजित होने लगी। मैं भाभी से चिपका हुआ था, तो मेरा खड़ा लंड उनकी जांघ में दब रहा था। मुझे यकीन है, कि ये भी भाभी को उत्तेजित कर रहा होगा।
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किस्स करते हुए हम उसी सोफे पर बैठ गए जिसको ठीक कर रहे थे। मैंने भाभी की कुर्ती और ब्रा उतरवाई, और उनके रसीले चूचे पीने लगा। भाभी आह आह कर रही थी। उनका जिस्म सच में किसी अप्सरा की तरह था। मैं तो उसको पूरा चाट रहा था।
फिर भाभी लेट गई, और अपनी लेगिंग्स उतारने लगी। मैंने उनकी लेगिंग्स पकड़ कर खींच दी टांगों से बाहर। अब मेरी जान तृप्ति सिर्फ ब्लैक पैंटी में थी। मैं कुत्तों की तरह उसके पूरे बदन को चाटने लगा, और वो सिसकियां भरती रही। फिर मैं पैंटी के ऊपर से भाभी की चूत चूसने लगा। तभी उसने पैंटी नीचे की, और मैं सीधे उसकी चिकनी चूत को पीने लगा। भाभी आह आह करते हुए मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थी। बहुत मजा आ रहा था।
जिस चूत को छूने की मुझे अपनी औकात नहीं लग रही थी, आज मैं उस चूत का रस पी रहा था। भाभी की चूत की कोमल पंखुड़ियां मैंने खोली, और जीभ अन्दर डाल कर उनके दाने को छेड़ने लगा। इससे भाभी तड़पने लगी, और गांड उठाने लगी। तभी उनका शरीर झटके मारने लगा, और उनकी चूत से सफेद पानी निकलने लगा। मेरे लिए तो ये अमृत था। मैंने चूत को मुंह लगाए रखा, और सारा पानी पी गया। उसके बाद चूत को चाट कर साफ कर दिया। desi hot story
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की कहानी आपको कैसी लगी, मुझे aurhorcrazyfor@gmail.com पर बताएं।
अगला भाग पढ़े:- तृप्ति भाभी की चुदाई-3