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सेक्सी भाभी की अन्तर्वासना- 1

सेक्सी भाभी की अन्तर्वासना- 1

हॉट भाभी की चुदाई सेक्स स्टोरी में मुझे भाई ने अपने घर बुलाया. रात को भाई भाभी की चुदाई की आवाजें सुन कर मेरे मन में भाभी की चुदाई के ख्याल आने लगे.

हाय दोस्तो, मेरा नाम शिवम है.
आज मैं आपके सामने अपनी सेक्स कहानी बता रहा हूं.
विश्वास कीजिए यह मेरी अपनी सच्ची सेक्स कहानी है.

यह भाभी की चुदाई सेक्स लव स्टोरी कोरोना के समय की है.
लॉकडाउन लगने के लगभग 15 दिन पहले मुझे अपने भाई के यहां दिल्ली जाना पड़ा क्योंकि उसे किसी काम से चेन्नई जाना था और भाभी घर में अकेली थीं.

भाई और भाभी की शादी को अभी एक भी महीने नहीं हुए थे और उन्हें दिल्ली गए अभी दो ही हफ्ते हुए थे, जिससे वे लोग अपने आस-पास रहने वाले किसी को जानते पहचानते भी नहीं थे.

इसी कारण से भैया ने मुझे दिल्ली बुलाया.
वे चाहते थे कि जब तक वे ना लौटें, मैं भाभी के साथ रहूं और उनका ख्याल रखूं.

भैया की ट्रेन दो दिन बाद शनिवार को थी.
मैंने अपने शहर कानपुर से ट्रेन पकड़ी और शाम को लगभग 4:00 बजे दिल्ली पहुंच गया.
फिर लगभग 7:00 बजे उनके घर आ गया.

मैं घर पहुंचा और जैसे ही फ्लैट का दरवाजा खुला तो सामने भाभी खड़ी थीं.
वे मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं.

मैं अन्दर गया और उनके पास झुक कर उनका आशीर्वाद लिया.
भैया से भी मिला.

भैया ने भाभी से कहा- अरे खड़ी क्यों हो, अपने देवर के लिए थोड़ा चाय पानी की व्यवस्था तो करो!

मैंने कहा- नहीं भैया, पहले मैं फ्रेश होकर आता हूं, उसके बाद चाय नाश्ता करूंगा.
तब भैया ने कहा- ठीक है तुम सामने वाले कमरे में जाकर अपना सामान जमा लो और बाथरूम से फ्रेश हो जाओ. फिर बात करेंगे.

मैंने अपना सामान उठाया और सामने वाले कमरे में जाकर बाथरूम में जाने की तैयारी करने लगा.
अपनी अटैची खोल कर घर में पहनने वाले कपड़े निकाले और बाथरूम में चला गया.

मैं बाथरूम से फ्रेश होकर बाहर आया और भैया भाभी के पास बाहर आ गया.

मैं सोफे पर बैठ गया, भैया सामने बैठे थे.

तब तक भाभी ट्रे में चाय तथा बिस्किट ले आईं और हम तीनों ने बैठ कर चाय नाश्ते का आनन्द लिया.

बातों ही बातों में भैया ने बताया कि उन्हें कंपनी के किसी काम से चेन्नई जाना पड़ रहा है और तुम्हारी भाभी यहां अकेली रह जातीं. अभी हम लोग यहां किसी को जानते भी नहीं हैं, तभी तुम्हें परेशान किया.

मैंने कहा- कोई बात नहीं भैया, वैसे भी मेरे कॉलेज की आजकल छुट्टी चल रही हैं. अभी ही तो पेपर समाप्त हुए हैं और अब नए सेशन में एडमिशन होने में अभी काफी समय है.

फिर भैया ने घर के बारे में पूछा तो मैंने कहा- उधर घर पर सब ठीक हैं, सब आपको याद करते हैं.
हम दोनों ने काफी देर तक गपशप की फिर रात का खाना हुआ और हम लोग अपने अपने कमरे में सोने चले गए.

अगली सुबह जब मैं उठा तो भाभी घर की सफाई कर रही थीं और भैया ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे.
आज शाम को उन्हें चेन्नई भी जाना था.

भाभी ने मुझे देखा तो गुड मॉर्निंग कहा और पूछा कि चाय अभी लोगे या बाथरूम से आने के बाद?

तो मैंने कहा कि नहीं अभी चाय नहीं लूँगा भाभी, मैं पहले नहा धो लेता हूँ. उसके बाद चाय पीता हूं.
दोस्तो, बातों ही बातों मैं आपको अपनी भाभी के बारे में बताना ही भूल गया.

मेरी भाभी अभी जवानी की दहलीज पर ही आई थीं.
उन्हें देखकर किसी के भी रोम रोम में सनसनी जाग उठे. उनकी जवानी की क्या तारीफ करूं.

उनके दूध अभी विकसित हो ही रहे थे, उनकी बूब्स की साइज को अभी ना तो बढ़िया कहा जा सकता था और न ही छोटी चूचियों की संज्ञा दी जा सकती थी.

बस यूं समझ लीजिए कि भाभी की चूचियां मध्यम आकार के संतरे की तरह थीं. एकदम नुकीली और घायल कर देने वाली चूचियों को देख कर लंड में कुछ कुछ होने लगता था.

भाभी की चूचियों से नीचे उनकी कमर ऐसी जैसे नागिन की तरह लचीली हो, जो इधर-उधर डोलती रहती थी.
कमर के नीचे उनके पिछवाड़े की तो बात ही क्या करूं, एकदम सुडौल और कसी हुई गांड, रस से भरी हुई थी.

मेरा भाई भी देखने में कुछ कम नहीं था.
ऊंचा कद, गठीला जिस्म वाला कड़ियल नौजवान है.

उन दोनों की अरेंज मैरिज हुई थी.
शादी से पहले उन्होंने कभी भी एक दूसरे को नहीं देखा था और ना ही एक दूसरे से बात हुई थी.

मगर शादी के बाद उन्हें देख कर कोई नहीं कह सकता कि उनकी अरेंज मैरिज है.
सब कहते थे कि ये दोनों पहले से ही प्यार में थे.

दोपहर को दरवाजे की घंटी बजी.
हम दोनों अपने अपने कमरे में थे.

तभी मुझे लगा कि भाभी ने दरवाजा खोला है.
मेरा दरवाजा अन्दर से बंद था मगर मैंने आवाज सुनी तो पता चला कि भैया आए हुए हैं.

भैया ने भाभी से पूछा कि शिवम कहां है!
तो उन्होंने बोला कि शायद वह सो रहा है.
भैया ने कहा- ठीक है.

वे कमरे में चले गए.
फिर उन्होंने भाभी को आवाज लगाई- सुनती हो!

तब भाभी ने कहा- जी, आ रही हूं!
अब भाभी भी कमरे में चली गईं और उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया.

मैंने अपना दरवाजा खोला और बाहर आ गया.
सामने लगे फ्रिज से पानी की बोतल निकाल कर पानी पीने लगा.

तभी मुझे भाभी के कमरे से कुछ आवाजें आती सुनाई दीं.

मैं कमरे के बाहर खड़ा हो गया और कान लगा कर अन्दर की आती आवाजों को ध्यान से सुनने की कोशिश करने लगा.
अन्दर से भाभी के हंसने की आवाज आ रही थी.

भाभी ने कहा- रहने भी दो ना, शिवम अपने कमरे में सो रहा है. कहीं वह जाग गया तो क्या सोचेगा कि तुम दिन में भी शुरू हो

जाते हो!

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तब भैया ने कहा- अरे अभी चुप ही रहो अभी वह छोटा है. उसे क्या मालूम है. वह तो वैसे भी अभी सोया है, जब तक जागेगा, तब तक तो मेरा काम हो जाएगा. अब उतार भी दो, क्या नखरे कर रही हो!

भाभी ने कहा- नहीं, अभी जो रात को ही किया था, उसी के दर्द के मारे मैं परेशान हूं और तुम्हें अभी फिर से करना है. तुम्हें मुझ पर थोड़ी सी भी दया नहीं आती. जब देखो तब अपना औजार अन्दर डालने को तैयार रहते हो, एकदम निर्दयी कहीं के!

तब भैया ने उदास मन से कहा- आज तो मैं चेन्नई जा रहा हूं और 15 दिनों के लिए तुमसे दूर जा रहा हूँ. अब तो मुझे 15 दिन बाद ही कुछ करने को मिलेगा, निर्दयी तो तुम हो. मुझे आज मन भर कर सेक्स कर लेने दो!

यह सुनकर भाभी मान गईं.

थोड़ी देर बाद उन दोनों की आवाजें शांत रहीं.
फिर अचानक से भाभी के मुँह से चीख निकल गई- अरे माई रे मर गई … मर गई उफ आह आह आह मर गई … थोड़ा धीरे करो ना बहुत दर्द हो रहा है!

हॉट कपल सेक्स लव की आवाजें सुनकर बाहर मेरी हालत खराब हो रही थी और मैं जल्दी से अपने कमरे में घुस गया.
मैंने दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया और अपना लंड निकाल कर मुठ मारने लगा.
धार छूटते ही मेरी कब आंख लग गई, कुछ पता ही नहीं चला.

शाम को लगभग 6:00 बजे भाभी ने मेरा दरवाजा खटखटाया, तब मेरी आंख खुली.
मैंने अपना पजामा ऊपर किया और दरवाजा खोला.

मैंने देखा कि भाभी सामने खड़ी हैं, उनके हाथ में ट्रे में चाय है.

भैया सोफे पर बैठकर टीवी देख रहे थे.

तब मैंने उनसे कहा- अरे भैया आप कब आए!
उन्होंने कहा कि अभी थोड़ी देर पहले जब तुम सोए हुए थे. आओ बैठकर चाय पीते हैं.

उन्होंने कहा कि 9:00 बजे मेरी ट्रेन है.
मैंने उनसे कहा कि मैं आपको स्टेशन छोड़ देता हूं.

पर उन्होंने कहा कि नहीं मैं चला जाऊंगा. शाम 8:30 बजे तक मेरे ऑफिस से गाड़ी आएगी मुझे पिकअप करने तो मैं आसानी से चला जाऊंगा.

उसके कुछ देर बात करने के बाद हम दोनों ने खाना खाया और उसके तुरंत ही बाद भैया के ऑफिस से उनकी गाड़ी आ गई.
वे उसमें बैठ कर चले गए.

भाभी थोड़ी सी उदास लग रही थीं, तब मैंने उनसे कहा कि चलिए अब हम भी खाना खा लेते हैं.

उन्होंने कहा- ठीक है, पहले आप खा लीजिए, मैं थोड़ी देर बाद खा लूंगी.
मैंने कहा- नहीं भाभी, खाएंगे तो साथ में ही, नहीं तो दोनों ही भूखे रहेंगे.

तब उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि बदमाश, चलो खाते हैं.
खाना खा ही रहे थे कि तभी भैया का फोन आया कि ट्रेन में बैठ गए हैं.

तब भाभी ने कहा- ठीक है.
हम दोनों ने खाना पूरा किया और अपने अपने कमरे में जाकर सोने चले गए.

अगले दिन जब मैं उठा और बाहर आया, तो देखा भाभी किचन में चाय बना रही थीं.
मैं भाभी से इतनी बातें नहीं करता था और भाभी जी मुझसे अभी इतनी ज्यादा बातें नहीं करती थीं क्योंकि हमारी मुलाकात अब तक उतनी नहीं हुई थी कि एक दूसरे से ज्यादा बातें कर सकें.

मगर अब हम दोनों घर में अकेले थे इसलिए बातें करनी भी जरूरी थीं.
मैंने हिम्मत करके भाभी से पूछा कि भैया की ट्रेन कहां तक पहुंची?

तब भाभी ने कहा कि कल रात को बात हुई थी, अभी तो वह कुछ दूर ही निकले थे. अभी सुबह सोए होंगे, इसलिए मैंने उनसे बातें नहीं की.
कुछ पल बाद भाभी ट्रे में चाय ले आईं और हम दोनों सोफे पर बैठ कर पीने लगे.

भाभी ने मुझसे कहा है कि आप जाइए नहा धो लीजिए, तब तक मैं नाश्ते की तैयारी करती हूं.
मैंने भाभी से कहा कि आप परेशान ना हों, मैं तो यहीं हूं ना, मुझे कहीं जाने की जल्दी नहीं है. आपको अगर कोई भी परेशानी हो, तो मुझसे जरूर कह देना.

भाभी ने हां में सर हिला कर जवाब दिया और चुपचाप किचन में चली गईं.
वे नाश्ते की तैयारी करने लगीं.

मैं भी उठा और बाथरूम की तरफ चला गया और नहा धोकर बाहर आ गया.
मैं उस समय केवल एक तौलिया लपेटे हुए था.

मैं जल्दी से अपने कमरे में जा ही रहा था कि भाभी आकर सामने खड़ी हो गईं.
मैं उन्हें देखकर शर्मा दिया और कमरे में भाग गया.

वे भी हंस पड़ीं और वापस अपने काम में जुट गईं.
फिर हम दोनों ने नाश्ता किया और एक दूसरे से बातें करने लगे.

भाभी ने बातों ही बातों में अपने बारे में बताया और मैंने अपने बारे में बताया.
अब हम एक दूसरे को थोड़ा समझने लगे थे.

वे भी मुझसे अब थोड़ी-थोड़ी खुलकर बातें करने लगी थीं.

बात करते-करते कब शाम हो गई हमें पता ही नहीं चला.
तब भाभी ने कहा कि चलो पार्क से घूम कर आते हैं.

हम दोनों उठे और बाहर पार्क में घूमने चले गए.
बाहर ही हमने आइसक्रीम खाई तथा खाना पैक करवा लिया और घर वापस आ गए.
हॉल में बैठकर हम दोनों मूवी देखने लगे.

मूवी में रोमांटिक सीन चल रहा था, तब मैंने एकदम से भाभी की ओर देखा और मेरे अन्दर उनके प्रति अलग सी भावना प्रकट हुई.

आज से पहले मैंने भाभी को कभी ऐसी नजर से नहीं देखा था मगर आज उस मूवी को देखकर मेरे अन्दर थोड़ी सी वासना जागने लगी थी.
उसी वासना ने मेरा उनके प्रति अलग सा नजरिया बना दिया था.

भाभी ने भी शायद मुझे भांप लिया था और मुझसे बोलीं- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं, चलो अब खाना खाते हैं. बंद करो ये टीवी सीवी!
वे हंसने लगीं.

मैं उठा और टीवी बंद करके जाकर टेबल पर बैठ गया.
भाभी ने पुनः खाने को गर्म किया और टेबल पर लाकर रख दिया.

तभी भैया का फोन आया कि वे सकुशल चेन्नई पहुंच गए हैं.
भाभी उनसे बात करने कमरे में चली गईं.
मैं वहीं चुपचाप बैठा रहा.

लगभग आधा घंटा बाद भाभी बाहर आईं और उन्होंने कहा- अरे आपने खाना नहीं खाया?
मैंने उनसे कहा कि हम दो ही लोग तो घर में हैं, एक साथ खाते हैं.

हम दोनों ने खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गए.
मैं अपने बेड पर जाकर लेट तो गया था मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी; बस बार-बार उसी मूवी का सीन मेरी आंखों के सामने चल रहा था.

उसी के साथ वह दृश्य भी मानस पटल पर चलने लगा जब उस दिन भैया, भाभी के साथ मजे कर रहे थे.
उस वक्त का दृश्य मुझे महसूस होने लगा.
भाभी की मदभरी आह आह की आवाजें मेरे लौड़े को हरकत देने लगी थीं.

तब मैंने अपने पजामे को उतारा और मुठ मारने लगा.

मेरी आंखों में भाभी की मुस्कान और उनकी नुकीली चूचियाँ ही घूम रही थीं.

कुछ ही देर बाद लंड ने लावा उगल दिया और मैं सो गया.
सुबह जब मैं उठा तो मुझे लगा कि भाभी अभी सो रही हैं.

तब मैं किचन में गया और दो कप चाय बना कर भाभी के दरवाजे के पास जाकर बोला- सुरभि भाभी जी, दरवाजा खोलिए.
अन्दर से आवाज आई- आ रही हूं.

भाभी ने दरवाजा खोला तो मैंने देखा उनके बाल बिखरे हुए थे तथा उनका पल्लू नीचे सरक रहा था, जैसे लग रहा था कि अभी वह तुरंत सोकर उठी हों.
मैंने उन्हें चाय ऑफर की, तो उन्होंने कहा- सॉरी! मेरी आंख ही नहीं खुली. कल रात को तुम्हारे भैया से बात करती रही, उसमें ज्यादा समय हो गया.

मैंने भाभी से कहा- कोई बात नहीं भाभी, चलता है.
तो भाभी ने कहा कि तुम बैठो यहां पर, मैं अभी नहा कर आती हूं. उसके बाद नाश्ता बनाऊंगी.

भाभी बाथरूम में नहाने चली गईं, मैं वहीं सोफे पर बैठ कर अखबार पढ़ने लगा.

मैंने भाभी से कहा- अरे भाभी आजकल देश में एक नई बीमारी फैली हुई है. जिसका नाम करोना है, यह तेजी के साथ सारे संसार में बढ़ रही है.
भाभी ने बाथरूम के अन्दर से जवाब दिया- यह कोरोना कैसी बीमारी है? इसके लक्षण क्या हैं?

तब मैंने भाभी को सारे लक्षण बताए.

यही सब बात करते-करते भाभी नहा कर बाहर आईं, तो मैं उन्हें देख कर चौंक गया.
मेरा मुँह खुला का खुला रह गया और आंखें फटी की फटी रह गईं.

भाभी के खुले हुए बाल भीगे थे, उन्होंने वाइट कलर की पंजाबी सूट पहना हुआ था, जिसमें से उनकी पिंक कलर की ब्रा साफ-साफ दिख रही थी तथा उनकी नाभि का छेद भी साफ साफ दिख रहा था.
शरीर भीगे होने के कारण सलवार सूट उनके बदन से चिपका हुआ था और सारा बदन साफ-साफ झलक रहा था.

भाभी ने मुझसे कहा कि आप भी नहा लीजिए.
मेरे मुँह से कुछ आवाज ना निकल सकी.
मैंने अपना सर हां में हिलाया और जल्दी से बाथरूम की तरफ भागा.

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा होकर सलामी दे रहा था.
मैंने अपना पजामा और कुर्ता उतारा और भाभी के नाम पर मुट्ठ मारना शुरू कर दी.

कुछ ही देर में मैंने अपने आप को संतुष्ट किया और नहा धोकर बाहर निकल आया.
भाभी उस समय नाश्ता बना कर मेरा इंतजार कर रही थीं. मैंने उनकी तरफ देखा तो उनके चेहरे पर एक कातिलाना मुस्कान थी.

तभी उन्होंने इठलाते हुए कहा- तुमने नहाने में कितना समय लगा दिया! मेरा नाश्ता कब से बन कर तैयार है.
मैं कुछ नहीं बोला. न जाने क्यों मुझे लग रहा था कि भाभी ने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया है.

दोस्तो, अपनी इस सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको भाभी की चुदाई किस तरह से हुई, उसको लिखूँगा.
आप सब प्लीज मुझे हॉट कपल सेक्स लव स्टोरी पर कमेंट्स करके जरूर बताएं कि आपको कितना मजा आ रहा है.

हॉट कपल सेक्स लव स्टोरी का अगला भाग:सेक्सी भाभी की अन्तर्वासना- 2

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